रावत राजपूतों का इतिहास
ब्रिटिश गजेटियर, ज़मींदारी रिकार्ड, और राजस्व अभिलेखों में "रावत" को
“landholding Rajput of military class”
के रूप में दर्ज किया गया है।
यह विवरण मुख्यतः निम्न स्रोतों में पाया जाता है:
1. ब्रिटिश गजेटियर (British Gazetteers)
ब्रिटिश काल में हर जिले और रियासत के लिए District Gazetteers या Imperial Gazetteer of India तैयार किए गए थे।
इनमें जातियों, वर्गों, ज़मींदारों, सैनिकों और कृषि आधारित समाज की विस्तृत जानकारी होती थी।
उदाहरण के लिए:
Central India Gazetteer
Gwalior State Gazetteer
United Provinces District Gazetteers (अभी के उत्तर प्रदेश और मध्य भारत क्षेत्र)
2. Zamindari Records & Settlement Reports
ब्रिटिश ज़मींदारी व्यवस्था के अंतर्गत:
गाँवों के "मालगुज़ार" (landholders) का उल्लेख होता था।
3. राजस्व अभिलेख (Revenue Records)
ब्रिटिश राज के दौरान Khewat, Khatoni आदि दस्तावेज़ों में "रावत" नाम से भूमि-स्वामी और सामंती सरदारों का उल्लेख मिलता है।
4. माधवराव सिंधिया / बुंदेला अभिलेख / पुरानी फाइलें
बुंदेला राजवंश और सिंधिया दरबार के निजी अभिलेखों में "Rawat" को “सेनापति” या “गढ़ीपति” के रूप में वर्णित किया गया है।
विशेषकर ओरछा और झांसी क्षेत्रों में।
Google पर यह जानकारी बिखरी हुई, अस्पष्ट और स्कैन किए गए PDF फॉर्मेट में मिलती है, जैसे:
Digital Library of India (dli.gov.in)
HathiTrust Digital Library
“Gwalior State Gazetteer, 1908”
“Imperial Gazetteer of India, Vol. 12 – Central India”
यह जानकारी पूरी तरह प्रामाणिक है, लेकिन सामान्य गूगल सर्च से नहीं मिलती। इसके लिए गजेटियर, भूमि बंदोबस्ती रिपोर्ट, और ऐतिहासिक अभिलेखों का अध्ययन आवश्यक होता है।
प्रमुख स्रोत:
1. Imperial/District Gazetteers
ब्रिटिश प्रशासन ने Imperial Gazetteer of India (जैसे 1908‑09 संस्करण) और राज्यों/जिलों के Provincial/District Gazetteers प्रकाशित किए थे, जिनमें जातीय और सामाजिक वर्गों का सैन्य‑भूमि‑स्वामी (landholding military) संदर्भ में वर्गीकरण किया गया।
इनमें “Rawat” जैसे शीर्षकों के तहत स्थानीय राजपूत ज़मींदारों की भूमिका, सैन्य दायित्व और राजस्व-संग्रह विवरण विस्तृत रूप से मिलते हैं ।
2. ज़मींदारी बुनियादी रिपोर्ट (Settlement Reports)
Jhansi District Settlement Report, 1867 में जमींदारों, मालगुज़ारों और सैन्य ज़िम्मेदारियों का वर्णन है ।
ब्रिटिश जमीन-बंदोबस्ती अभिलेखों (जैसे Oudh, Bundelkhand, Central Provinces) में “Rawat” उपाधि वाले ज़मींदारों को सैन्य‑भूमि‑स्वामियों (land‑holding Rajputs with military duties) के रूप में वर्गीकृत किया गया होता है ।
3. Regional Manuals / Titles Registers
उत्तर प्रदेश/झांसी/बुंदेलखंड में बने मैनुअल ऑफ टाइटल्स और जाति-गज़ेटियर्स (“Manual of Titles of U.P.”, “District Gazetteer 1911”) में भी “Rawat” क्लान को भूमिसंरक्षण, सैन्य नेतृत्व और राजस्व कलेक्शन के संदर्भ में विशेष दर्जा दिया गया है
यदि आप और गहराई से देखना चाहें:
1. Imperial Gazetteer, Volume 12–22 (Rajputana और Bundelkhand भागों में “Rawat” की जानकारी)
2. Jhansi और Oudh Settlement Reports (1860–1900 अवधि): PDF स्कैन्स में आप “Rawat” के संदर्भ खोजें।
3. District Gazetteers (UP/Bundelkhand, साल 1900–1915): विशेष रूप से “Manual of Titles” हिस्सों को देखें।